कांग्रेस हरियाणा में 70 सीट जीतेगी

प्रसिद्ध हिंदी कहावत है, जिसका अर्थ है कि सत्य को किसी भी प्रकार का डर नहीं होता। जब कोई सच्चाई के मार्ग पर चलता है, तो उसे किसी भी विपरीत परिस्थिति या आलोचना का सामना करने की चिंता नहीं होती, क्योंकि सत्य की हमेशा जीत होती है ।

कांग्रेस में कोई गुटबाजी नहीं 🤷‍♀️

उपरोक्त दो बयान कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष व पूर्व उप मुख्य मंत्री के हैं । आपने भी देखे-सुने-पढ़े होंगे । उनके ये बयान, उनके आवश्यकता से अत्यधिक आत्म विश्वास व अहंकार को प्रतिबिंबित करने के लिए काफी हैं । अहंकार का सबसे खराब व कमजोर पक्ष यह होता है कि, उसे स्वयं में कोई दोष दिखाई नहीं देता । आत्मविश्वास अच्छा है, लेकिन अत्यधिक आत्मविश्वास खुद को धोखा देना है । हरियाणा में कांग्रेस की हार, इसका प्रमाण है ।
वर्तमान में प्रदेश कांग्रेस में गुटबाजी के सबसे बड़े उदाहरण तो वे स्वयं हैं ! प्रदेश में गहलोत-सचिन गुट, हरियाणा में शैलजा-हुड्डा गुटबाजी इसके ताजा-तरीन उदाहरण हैं । हकीकत ये है कि कांग्रेस में गुटबाजी ही उसके असफल होने का सबसे बड़ा कारण है ।

अजमेर सर्किट हाऊस में कल पत्रकारों व समर्थकों से साथ हुए उनके कार्यक्रमों में गहलोत गुट के कार्यकर्ताओं व चारों ब्लाक अध्यक्षों की अनुपस्थिति सांच को आंच का प्रमाण नहीं तो, और क्या है ❓
गहलोत गुट के चौधरी, जयपाल, द्रोपदी, बाहेती की अनुपस्थिति ने भी सांच का समर्थन कर दिया है कि गुटबाजी है ।
अजमेर के सांसद रहे, भीड़तंत्र का आकर्षक व्यक्तित्व सचिन पायलट का ऐसा खुला विरोध तो पहली ही बार, देखने को मिला । जब उनकी अगवानी के लिए कार्यकर्ताओं को उनके कार्यक्रमों में जाने से रोका जा रहा हो । वैसे, पहले विभिन्न गुटों के नेता औपचारिकता वश अगुवाई में तो दिखाई ही दे जाते थे ।
कार्यक्रम में शहर के रलावता व भाटी समर्थक अधिक संख्या में थे । शेष ग्रामीण समर्थक थे ।

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